मै वह क्षत्राणी हूँ जो, महा काळ को नाच नचाने आई हूँ ! मै वह क्षत्राणी हूँ जो,तुम्हे तुम्हारे कर्तव्यबताने आई हूँ ! मै मदालसा का मात्रत्त्व लिए, माता की माहिमा,दिखलाने आई हूँ ! म...
था सूर्य चमकता राजपूतो का, घनघोर बदरिया डरती थी। था शेर गरजता सीमाओ पर, बिजली भी आहे भरती थी। है खून वही उन नब्जों मे, फिर क्यो वर्षो से सोते हो। लूटा है चंद सियारो ने, फिर क्यो...
किसका भला किया है दारू ने
बुद्धि का हरण किया है दारूने
पैसा का हरण किया है दारूने
झगड़ो को जन्म दिया है दारूने
बच्चों को रूलाया दारू ने
घरों को उजाड़ा हैं दारू ने
इंसा...