तन-मन से है नारा मेरा , बोलो जय भवानी |
धिक्कार है उन राजपूतों को ,खोदी जिन्होंने
अपनी जवानी ||
तन-मन से है नारा मेरा , बोलो जय भवानी |
कायर नही आज हम , दुनिया को यह
आज बतानी ||
हम जन रक्षक रहे सदा से , क्षात्र धर्म
का यह नारा है |
दुष्टों को हम मार भगाए , यही फर्ज
हमारा है ||
कठिनाइयों के बीहड़ पथो में , हमने
जीवन गुजारा है |
जन हित की रक्षा खातिर , दुश्मन
को ललकारा है ||
त्याग बलिदान के पुंज हम है , सबको यह बात
बतानी |
तन मन से है नारा मेरा , बोलो जय माँ भवानी
रा जा झुके, झुके मुग़ल मराठा, राजा झुके, झुके मुग़ल मराठा, झुक गगन सारा। सारे जहाँ के शीश झुके, पर झुका न कभी "सूरज" हमारा।। झिरमिर झिरमिर मेवा बरसे ! झिरमिर झिरमिर मेवा बरसे मोर...
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