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आओ क्षत्रिय तुम्हे दिखाएँ झांकी पूर्वजों के शान की....

आओ क्षत्रियों तुम्हे दिखाएँ झांकी पूर्वजों के शान की!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
राजपूताने में लहराता देखो महाराणा प्रताप का स्वाभिमान है!
जिनका सर न कभी झुका यह गौरव अभिमान है!!
पूरे भारत के कण-कण में गूंजता अभी भी स्वर है!
जहाँ का बच्चा-बच्चा अभी भी मरने को तत्पर है!!
राणा के हम हैं वंशज यह गौरव अभिमान है!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
ये है अपना राजपुताना है नाज इन्हें तलवारों पर!
शान से सीखा जीना चलते न किसी के सहारों पर!!
खन-खन बजती थी तलवारें पर्वत बीच पहाड़ों पर!
सर पे कफ़न बाँध निकल पड़ते अरि के दहाडों पर!!
राणा प्रताप की जय बोलो जय बोलो प्रथ्वीराज चौहान की!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
दच्छिन में जब शिवाजी ने शत्रुओं को ललकारा था!
चढ़कर शत्रुओं के सीने पर बार-बार दहाडा था!!
यह है अजमेर दिल्ली गढ़ है वीर चौहानों की!
फाड़कर सीना रख देते थे पर्वत और चट्टानों की!!
उनपर नहीं चल पाया था माया जादू जयचंदों की!
परवाह नहीं थी कभी भी मुहम्मद गोरी के फंदों की!!
आओ फिर याद करें पृथ्वीराज के बलिदान की!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
यह देखो जगदीशपुर की कोठी लहरा रही है शान से!
वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली खड़ा है स्वाभिमान से!!
अस्सी वर्ष की उम्र में भी अंग्रेजों को ललकारा था!
जिनकी सेनाएं फिरंगियों को चुन-चुनकर मारा था!!
आओ फिर खोज करें वह वीर भुजा महान की!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
ये है उज्जैन मालवा गढ़ है वीर परमारों की!
लेकर जान हथेली पे जिन्हें परवाह नहीं तलवारों की!!
ये है आमेर जयपुर धरती वीर कच्च्वाहों की!
वीर साहसी करते नहीं परवाह किसी अफवाहों की!!
यह तो है बुंदेलखंड जहाँ, चलती हर-हर बुंदेलों की!
आल्हा उदल का गढ़ महोबा यह भूमि है चंदेलों की!!
यह है जोधपुर वीकानेर ठिकाने वीर राठौरों की!
अरि जाकर छिप जाते थे जब पड़ती मार बौछारों की!!
आओ फिर याद करें इनके, त्याग और बलिदान की!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
उठो वीर जवानों खतरे में आन पड़ी है आज़ादी!
साजिश ने हमे बिखेरा है हम झेल रहे है बर्बादी!!
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है!
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है!!
जागो-जागो वीर क्षत्रियों रक्षा करो स्वाभिमान की!
जो मर मिट गये वतन पर परवाह न की निज प्राण की!!
    
जय भवानी
जय क्षात्र धर्म

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