Skip to main content

राजपूत शेर

कुत्तो की हिम्मत कैसे हुई, शेरोसे आँख मिला बैठे
या तो कुत्तो में ताकत आई, याशेर बुजदिल बन बैठे
गीदड़ ने आखिर कैसे, शेरो कारस्ता मोड़ दिया
क्या गीदड़ में है दम या शेरो नेशिकारकरना छोड़
दिया
शायद अब शेरनियो ने शेरो कोजनना छोड़ दिया
या खून शेरो का पानी है, तभीतो लड़ना छोड़ दिया,
कुत्ते करेंगे राज अब, और शेर मांद मेंसोयेगा
बैठ कही किसी कोने में फिर,किस्मत को अपनी रोयेगा
थुकेगी दुनिया गर शेर होकर, तुमक…
ुत्तोसे डर जाओगे
फट जायेगा कलेजा कुत्तो का,जो एक बार
गुर्राओगे …….

Comments

Popular posts from this blog

राजपूती दोहे

रा जा झुके, झुके मुग़ल मराठा, राजा झुके, झुके मुग़ल मराठा, झुक गगन सारा। सारे जहाँ के शीश झुके, पर झुका न कभी "सूरज" हमारा।। झिरमिर झिरमिर मेवा बरसे ! झिरमिर झिरमिर मेवा बरसे मोर...

राजपूती दोहे

•» ” दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर॥ सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर॥ ” मतलब :- •» एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है, पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका ध...

वीरवर पाबूजी राठौड़ ॥

"रजवट रो थूं सेहरौ, सब सूरां सिरमौङ । धरती पर धाका पङै, रंग पाबू राठौड़ ।। "घोङो, जोङो, पागङी, मूछां तणी मरोड़ । ऐ पांचू ही राखली, रजपूती राठौड़ ।।