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Showing posts from November, 2015

परम्पराएं थाती जिनकी

••••••••••••••••••••••••• सब कुछ न्यौछावर कर देना, जिस समाज की   शान    है। परम्पराएं    थाती    जिनकी, रहे     शाश्वत     प्राण    है। त्याग सदा  करती  आई   है, ललनाएं...

वीरवर पाबूजी राठौड़ ॥

"रजवट रो थूं सेहरौ, सब सूरां सिरमौङ । धरती पर धाका पङै, रंग पाबू राठौड़ ।। "घोङो, जोङो, पागङी, मूछां तणी मरोड़ । ऐ पांचू ही राखली, रजपूती राठौड़ ।।

राजपूताने की कुरबानियों की.........

राजपूताने की कुरबानियों की   कभी शाम नही होने देंगे           पूर्वजो की कुरबानियों को             बदनाम नही होने देंगे ।। लाएंगे फिरसे राजपूताने का   एक उगता हुआ सूरज    ...

राजपूती कविता/शायरी/दोहे

राजपुताना शायरी जलते हैं तो जलने दो बुजाना मेरा काम नहीं... जला जला कर राख ना करदू तो "कुँवर सा" मेरा नाम _________________________________________ ओ बाईसा पीछे मुड के देखो आप का दुपट्टा जमीन से घिसा जा रहा है बाईस...

माता अब तो साँझ पड़ी है, रुस्यो दिन कद आसी ?

धरती रा थाम्भा कद धसकै, उल्ट्यो आभो कद आसी ? माता अब तो साँझ पड़ी है, रुस्यो दिन कद आसी ? हात्यां रा होदा कद टूटे, घोड़ा न कद धमकास्यूं । मुछ्याँ म्हारी कद बट खावै, खांडा ने कद खड़क...

क्षत्रिय धर्म को भूल,राजपूत हम बन गये !

क्षत्रिय धर्म क्षत्रिय धर्म को भूल, राजपूत हम बन गये ! छोङे सारे क्षत्रिय सँस्कार, अँहकार मे तन गये ! क्षत्रिय धर्म मे पले हुए हम शिर कटने पर भी लङते थे ! दिख जाता अगर पापी और अन्...

जरा संभल क्षत्रिय तू. ............।

इस सूर्य के तेज का अंस है क्षत्रिय तू श्री राम और कृष्ण का वंश है क्षत्रिय तू तेज तलवार की धार का पर्याय है क्षत्रिय तू दुष्टो के लिए काल का पर्याय भी हैं क्षत्रिय तू ऋषियों औ...

राजपूती चोला

समय के साथ -साथ जमाना बदल जाता है, ''खानपान'' और ''रहन-सहन'' पुराना बदल जाता है, वक़्त की रफ़्तार में शख्स रंग बदल जाता है, मत बदलो ''राजपूती-चोला' ', जीने का ढंग बदल जाता है,, ''राजपूती-चोला' ' ...